About Us

वयं राष्ट्रे जागृयाम पुरोहिताः

राष्ट्रीय सेवा संघ भारतवर्ष के सनातनियों की पिछली पीढ़ी के संघर्ष, वर्तमान पीढ़ी के अधिकारों तथा आने वाली पीढ़ियों के भविष्य को सुरक्षित करने हेतु गठित किया गया एक धार्मिक व सांस्कृतिक संगठन है। जिसके अंतर्गत हम सभी देशवासी भारतवर्ष को संपूर्ण प्रभुत्व सम्पन्न , सनातनी सभ्यता तथा पूर्णतः सनातन वैदिक धर्म एवं उपनिषदों को जीवन में अपनाते हुए वैदिक हिंदू राष्ट्र की संकल्पना एवं उसकी एकता और अखंडता सुनिश्चित करने हेतु दृढ़ संकल्पित होकर राष्ट्रीय सेवा संघ में पूर्ण निष्ठा के साथ सेवा कार्य करते हैं। इसी संकल्प को आत्मसात करने हेतु राष्ट्रीय सेवा संघ की स्थापना 28 फरवरी 2024 ई. ( मिति फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि 2081 विक्रमी संवत) के शुभ अवसर पर भारतवर्ष के धर्म गुरुओं व संत समाज के आशीर्वाद से हुई।

राष्ट्रीय सेवा संघ एक प्रमुख संगठन है जोकि सनातन धर्म की रक्षा, समाज की सुरक्षा, संस्कृति के संरक्षण के लिए समर्पित है। इस संगठन का उद्देश्य न केवल धार्मिक और सांस्कृतिक मूल्यों की रक्षा करना है, बल्कि समाज में बढ़ रही जनसमस्याओं से प्रभावित परिवारों की यथासंभव सहायता करना भी है। यहां हम राष्ट्रीय सेवा संघ के विभिन्न सामाजिक और धार्मिक कार्यों का विवरण प्रस्तुत करेंगे, जोकि सनातनियों के कल्याण और समग्र विकास के लिए संगठन द्वारा किए जा रहे हैं अथवा भविष्य में प्रायोजित हैं।

राष्ट्रीय सेवा संघ द्वारा किए जा रहे ये सभी प्रयास समाज के कल्याण और उसके विकास के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। गरीब और वंचित वर्गों की सहायता से लेकर धार्मिक, सामाजिक और राष्ट्रीय मुद्दों पर जागरूकता फैलाने तक, इस संगठन का योगदान समाज के सभी वर्गों को लाभान्वित करता है।

यह न केवल सनातनी हिंदू समाज की सेवा और सहयोग की परंपरा को जीवित रखता है, बल्कि समाज में एकता, सहयोग और सहिष्णुता की भावना को भी मजबूत करता है। ऐसे प्रयासों के माध्यम से संगठन न केवल समाज की मौजूदा चुनौतियों का सामना कर रहा है, बल्कि भविष्य की पीढ़ियों के लिए एक बेहतर समाज का निर्माण भी कर रहा है।

त्रेतायां मंत्र-श्क्तिश्च ज्ञानशक्तिः कृते-युगे।
द्वापरे युद्ध-शक्तिश्च, संघशक्ति कलौ युगे।।

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